डॉ दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश के सत्ता पक्ष में शीर्ष स्तर पर विवाद दिखाने का अभियान चल रहा था। इसके लिए सुनियोजित तरीके से कहानी गढ़ी गई। यूपी देश का सबसे बड़ा व राजनीतिक रूप में सर्वाधिक महत्वपूर्ण राज्य है। ऐसे में चुनाव के कुछ समय पहले प्रबंधन संबन्धी गतिविधियों का बढ़ना स्वभाविक भी था। परिवार आधारित पार्टियों में ऐसा कुछ नहीं होता। कुछ लोगों ने भाजपा को भी इसी नजर से देखने का प्रयास किया। सहज स्वभाविक गतिविधियों को भी हंगामा बना कर पेश किया। उस समय इनकी हेडिंग दिलचस्प थी। राज्यपाल अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर मध्यप्रदेश से लखनऊ लौटी, केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली तलब, स्वतन्त्र देव सिंह और सुनील बंसल दिल्ली तलब,बीएल संतोष अचानक लखनऊ पहुंचे, राधा मोहन राज्यपाल से मिले अरविंद शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनने का दबाब, योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंचे, इन सभी हैडिंग का उद्देश्य एक था। लेकिन यह सब निरर्थक साबित हुआ। ऐसे लोग अभी मायूस नहीं है। केशव प्रसाद मौर्य के पुत्र का कुछ दिन पहले विवाह हुआ था। उस समय कोरोना गाइडलाइन के तहत सीमित संख्या में लोग शामिल हुए थे। योगी आदित्यनाथ आशीर्वाद देने उनके घर गए। इस पर भी कयासबाजी की गई। ऐसे बताया गया जैसे उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार व संघठन में उलटफेर होने जा रहा है। चुनावी तैयारियों के संदर्भ में भाजपा संगठन की पुनः बैठक हुई। इसमें राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी राधामोहन भी शामिल हुए। एक बार फिर कयासों बेमानी साबित हुए। यह तय हुआ कि उपलब्धियों के बल पर भाजपा चुनाव विपक्षियों से मुकाबला करेगी। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विकास के अनेक कीर्तिमान स्थापित किये है। उपलब्धियों के आधार पर पिछली कई सरकारें पीछे रह गई है। यहां तक के कोरोना कालखंड के दौरान प्रदेश में छप्पन हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है। जिसमें देश की पहली डिस्प्ले यूनिट और डाटा सेंटर पार्क उत्तर प्रदेश में स्थापित हो रहे हैं। चार वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने सवा लाख करोड़ रुपए से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया। कोरोना कालखंड के दौरान भी सभी एक सौ उन्नीस चीनी मिलों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। प्रदेश में बीस नए कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना की गई है। प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना के अंतर्गत दशकों से लंबित परियोजनाओं को पूरा किया गया है। लंबित ग्यारह सिंचाई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना जैसी विभिन्न योजनाओं को लागू कर जन जन तक लाभ पहुंचाने में देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
चार वर्ष पहले प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से देश में तीसरे स्थान पर था। आज उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन के मामले में देश में पहले नंबर पर आ चुका है। चार साल में एयर कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। चार वर्ष पहले तक दो एयरपोर्ट कनेक्टिविटी थी। आज प्रयागराज, गोरखपुर,कानपुर, आगरा,बरेली व हिंडन के एयरपोर्ट वायुसेवा के साथ जुड़ चुके हैं। इसके साथ ही तीन नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना का कार्य चल रहा है। प्रदेश सरकार जेवर में राज्य का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने जा रही है। अयोध्या में भी एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया युद्धस्तर पर चल रही है। इसके साथ ही सत्रह नए एयरपोर्ट के निर्माण कार्य भी चल रहे हैं। यूपी में कोरोना प्रबंधन बेहतरीन रहा है। वैश्विक संगठन डब्ल्यूएचओ ने भी इसकी प्रशंसा की है। योगी सरकार में तीस नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो रही है। दो नए एम्स गोरखपुर व रायबरेली में संचालित हो चुके हैं। जाहिर है कि इन उपलब्धियों ने भाजपा का उत्साह बढ़ाया है।