सलिल पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार, मिर्जापुर.
व्हाट्सएप ग्रुप में किसी भी पोस्ट पर मर्यादा की सीमा में प्रतिक्रिया व्यक्त करने के बजाय पोस्ट करने वाले को अपमानित या अमर्यादित शब्द/वाक्य लिखा जाना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।
इन संबन्ध में जनसामान्य की जानकारी के लिए यह बताना आवश्यक है कि जिन्हें लगता हो कि ग्रुप एडमिन या कोई सदस्य अपमानित करने के इरादे से कोई टिप्पणी कर रहा है तो अपमानित महसूस कर रहा सदस्य किसी अधिवक्ता से राय लेकर lPC की धारा 500 के तहत उसे नोटिस दे सकता है।
अखबारी क्षेत्र में अवमानना के मुकदमों में गहरी रुचि लेने के चलते मुझे स्वतः दफा 500 की परिस्थितियों/बारीकियों की जानकारी होती गई।
मैं किसी भी ग्रुप में किसी भी अपमानित महसूस कर रहे सदस्य को मानहानि के सम्बंध में जानकारी और मदद देने के लिए तैयार हूं। अपमानित हुआ सदस्य ग्रुप में आए अपमानजनक सन्देश का स्क्रीनशॉट लेकर यदि मुझे भेजता है तो मैं उस पर अपने गहरे अनुभव से अग्रिम कार्रवाई करने के लिए तैयार हूं।
कोई ग्रुप एडमिन ग्रुप में शामिल करने के पूर्व विधिक तरीके से ग्रुप के नियमों की जानकारी नहीं दी है तो वह सार्वजनिक रूप से न खुद कोई विपरीत टिप्पणी कर सकता है और न किसी सदस्य को उकसा कर करा सकता है।