डॉ दिलीप अग्निहोत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों मिशन शक्ति संचालित करने का निर्णय लिया था। इसमें शासन,प्रशासन व समाज तीनों की जिम्मेदारी का समावेश है। सरकार अपने दायित्व का निर्वाह करेगा। किन्तु समाज को भी भारतीय संस्कृति के अनुरूप नारी सम्मान के प्रति जागरूक रहना होगा। नवरात्रि शक्ति उपासना का पर्व है। नवमीं को कन्या पूजन का विधान है। इसके साथ ही नवरात्रि आराधना पूर्ण होती है। इसके मूल भाव को समझने की आवश्यकता है। यही भारतीय संस्कृति का सन्देश है। इसलिए योगी आदित्यनाथ ने नवरात्रि से नवरात्रि तक मिशन शक्ति संचालित करने का निर्णय लिया था। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने देवीपाटन मंदिर में पूजा अर्चना की। उसके बाद बलरामपुर में रिजर्व पुलिस लाइन में मिशन शक्ति का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश महिला का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध है। इसी के साथ उनके स्वावलंबन हेतु भी कदम उठाए जा रहे है।
उत्तर प्रदेश में जो लोग नारी गरिमा और स्वाभिमान को दुष्प्रभावित करने की कोशिश करेंगे,बेटियों पर बुरी नजर डालेंगे,उनके लिए उत्तर प्रदेश की धरती पर कोई जगह नहीं है। यह लोग सभ्य समाज के लिए कलंक हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ऐसे अपराधियों से पूरी कठोरता से निपटेगी। यह अभियान तीन चरण में एक सौ अस्सी दिनों तक चलेगा। जिसमें प्रदेश के चौबीस विभागों का सहयोग लिया जाएगा। इस अभियान में अंतरराष्ट्रीय व स्थानीय सामाजिक संगठन अभियान भी सहभागी होंगे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शक्ति के स्वरूप का अहसास कराने के लिए यूपी में अब बीस प्रतिशत भर्ती बेटियों की होगी। उन्होंने कहा कि बलरामपुर के गैंसड़ी क्षेत्र में हुई घटना दु:खद है। बिटिया के साथ बर्बरता की गई है। उस बेटी के सम्मान तथा अपार श्रद्धा के लिए मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत बलरामपुर देवीधाम से की गई है। इसी के साथ योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर भी निशाना लगाया। कहा कि जिन्हें विकास अच्छा नहीं लगता है, जिन्हें देश में गरीबों का उत्थान अच्छा नहीं लगता है,वह लोग सरकार की नीतियों पर भी प्रश्न खड़ा कर रहे हैं। वो देश की सुरक्षा के सामने स्वयं प्रश्न खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। यह लोग देश के दुश्मनों की भाषा बोलने का कार्य कर रहे हैं।