साल 2020 का आखिरी सुपरमून आज (7 मई) देखा जायेगा। जो शाम 4:15 बजे अपने पूरे प्रभाव में दिखाई देगा।

इस साल इसे सुपर मिल्क मून कहा जाएगा क्योंकि ये पूर्णिमा के दिन दिखाई देने वाला सुपरमून होगा। सुपर मून की अवस्था में चंद्रमा सामान्य से अधिक बड़ा और ज्यादा चमकीला दिखेगा। लोग इस रोमांचित करने वाली खगोलीय घटना को नंगी आंखों से देख सकेंगे। लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि छह मई को सुबह 8.33 पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब होगा। इस समय चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी मात्र 359700 किलोमीटर रह जाएगी। चंद्रमा की उस स्थिति को पेरिगी की स्थिति कहा जाता है। इस स्थिति से चन्द्रमा हमें काफी बड़ा दिखना शुरू हो जाएगा। मगर सुपर मून देखने के लिए हमें अगली रात का इंतजार करना होगा क्योंकि पूर्णिमा अगले दिन यानी 7 मई को शाम 4.15 पर होगी।

क्या होता है सुपरमून??

पृथ्वी का चक्कर लगाने के दौरान एक समय ऐसा आता है, जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है। पृथ्वी से ज्यादा नजदीक होने की वजह से चंद्रमा इस दौरान बहुत बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। इसी अवस्था को सुपरमून कहते हैं। आमतौर पर पृथ्वी और चंद्रमा के बीच औसत दूरी 384,400 किलोमीटर होती है। यह सुपरमून के समय कुछ कम हो जाती है। इस बार धरती से चांद की दूरी 361,184 किलोमीटर ही रह जाएगी। सुपरमून की वजह से चांद हर दिन की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार नजर आता है। इसे नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह फूलों के खिलने का समय होता है।

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