Dr. Dilip Agnihotri.

 

लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी उत्सव के अंतर्गत लोगों को योग व आहार के प्रति भी जगरुक्त किया जा रहा है। समारोह के तीसरे दिन विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर स्थिति फ़ैकल्टी ऑफ लॉ के प्रांगण में वृहद योग स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, शिविर के दौरान सन्तुलित खान पान के सम्बंध में योगाचार्यों ने बताया कि सात्विक एवम संतुलित आहार जीवन का महत्वपूर्ण आधार है भारतीय परम्परा की खान पान व्यवस्था शरीर के स्वास्थ्य एवं रोगों से बचाव में सर्वोत्तम हैं। उचित खान-पान से ही जीवन का निर्माण होता हैं अतः प्राकृतिक भोजन ही लेना चाहिए जिसमें मौसमी फल सब्ज़ियों का अधिक उपयोग करना चाहिए क्योंकि मौसम विशेष में फल और सब्जियों में उस मौसम में होने वाली बीमारियों का इलाज़ के लिए क़ुदरत इन फलों और सब्जियों में औषधि भी उत्तपन्न कर देती हैं।

योगाभ्यास सत्र के दौरान प्रतिभागियों को आसान प्राणायाम, ध्यान, तथा विभिन्न प्रकार की योगिक मुद्राओं का अभ्यास कराया गया। योगाभ्यास के दौरान संधियों से सम्बंधित अभ्यास कराए गए इन अभ्यासों से संधिया स्वस्थ रहती हैं डाईबेटिस के रोगों के लिए अत्यंत उपयोगी आसान मंडूकासन का अभ्यास किया गया। गर्दन एवं कमर को स्वस्थ्य रखने के लिए गर्दन विकासक क्रिया एवं कटी शक्ति विकासक क्रिया का अभ्यास किया गया इसके अतिरिक्त मंडूकासन, पवनमुक्तासन, हलासन, वज्रासन का अभ्यास करवाया गया। इन आसनों के अभ्यास से शरीर की मांसपेशियों लचीली बनती हैं और रोगों में लाभदायक है। योग सत्र के दौरान भ्रामरी, शीतकारी, इन प्राणायामो के अभ्यास से प्राण वायु का संचरण होता है शरीर की शुद्धि होकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। योग सत्र के दौरान फ़ैकल्टी ऑफ योगा एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के डॉ अमरजीत यादव, डॉ उमेश कुमार शुक्ला, डॉ सतेन्द्र कुमार मिश्रा, तथा लॉ फ़ैकल्टी के शिक्षकगण मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here