डॉ दिलीप अग्निहोत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉक डाउन के पहले दिन ही प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी को मुस्तैद कर दिया था। कोरोना के विरुद्ध जंग की तैयारी न्यूनतम समय में कई गई थी। इसमें श्रमिकों, किसानों, प्रवासी छात्र कामगार,स्वास्थ सेवाओं पर विशेष फोकस था। अब योगी आदित्यनाथ वर्तमान आपदा राहत के साथ भविष्य की कार्ययोजना पर भी आगे बढ़ रहे है। उन्होंने ठीक कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए कार्य करना होगा।

प्रदेश में दक्ष मानव संसाधन, एक्सप्रेसवेज सहित बेहतर कनेक्टीविटी, अवस्थापना सुविधाएं व भरपूर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश विदेशी कम्पनियों के लिए आकर्षक गंतव्य हो सकता है। इसके लिए लैण्ड बैंक की उपलब्धता तेजी से सुनिश्चित करने का उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया। इसके लिए आवश्यक संशोधनों पर भी विचार किया जा सकता है। कम्पनियों को यह संदेश मिलना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापना और निवेश लाभकारी होगा। निवेशकों की समस्याओं समाधान किया जाएगा।

लैण्ड बैंक के लिए भूमि चिन्ह्ति करने की जाएगी। योगी सरकार ने पहले ही तय किया था कि एक्सप्रेस वे के निकट औद्योगिकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। केवल एक्सप्रेस बना देना ही उसका मकसद नहीं था। बल्कि इसकी प्रत्यक्ष विकास से भी जोड़ने की कार्ययोजना पर अमल चल रहा है। इसी क्रम में योगी ने कहा कि एक्सप्रेसवेज के निकटवर्ती क्षेत्रों में औद्योगीकरण की पर्याप्त सम्भावना है। ऐसे में लैण्ड बैंक के लिए एक्सप्रेसवेज के दोनों तरफ की जमीनों ध्यान दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री के साथ बैठक में ग्रेटर नोएडा,नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे,यूपीएसआई डीसी कानपुर के अधिकारियों ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त भूमि है। लैण्ड बैंक में औद्योगिक इकाइयों के अलावा, हाउसिंग,बाजार और अन्य सुविधाएं भी निर्धारित होंगी। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जनपदों के इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों व जिलों में तैनात चिकित्सकों को सम्बोधित किया। कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में आईएमए के डाॅक्टरों ने अपना योगदान दिया है।

इस जंग को निजी चिकित्सकों के सहयोग से जीतने में आसानी होगी। लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना आवश्यक है। जनता ने डाॅक्टरों,पैरामेडिक्स, नर्सों तथा अन्य स्टाफ के सेवाभाव का लोगों ने सम्मान किया है। उन्होंने निजी अस्पतालों का आह्वान किया। कहा कि वह जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए नाॅन कोविड इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराएं। जिला प्रशासन उनको अपेक्षित सहयोग प्रदान करेगा। निजी चिकित्सालय अपने समस्त स्टाफ को कोरोना से बचाव के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिलवाएं।

निजी अस्पतालों में पीपीई किट्स,एन नाइंटिफाइव मास्क,सैनिटाइजर इत्यादि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों। आयुष्मान भारत के तहत निर्धारित दरों पर मरीजों का इलाज करने वाले सूचीबद्ध अस्पतालों, नर्सिंग होम इत्यादि को राज्य सरकार पीपीई किट्स पचास प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराएगी। आयुष्मान भारत योजना के तहत रजिस्टर्ड अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन छह माह के लिए बढ़ाया जाएगा। इमरजेंसी सेवाओं को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी के अनुसार संचालित करना होगा। कोरोना से बचाव के सम्बन्ध में सभी सावधानियां बरती जाएं। सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल करना चाहिए।

निजी अस्पतालों को अपने संस्थान के संचालन के दौरान कम्युनिटी स्प्रेड को हर हाल में रोकना होगा। कम समय में रिपोर्ट देने वाली कोरोना टेस्टिंग पद्धति को अपनाया जाए। निजी अस्पताल में कोई कोरोना पाॅजिटिव मरीज पहुंचे तो तुरन्त जिला प्रशासन को सूचित करना होगा। ऐसे मरीज को कोविड हाॅस्पिटल भेजना होगा। निजी अस्पताल को एक दिन के लिए बंद करते हुए उसे चौबीस घण्टे में दो बार सैनिटाइज करना होगा।

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