डॉ दिलीप अग्निहोत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अयोध्या यात्रा अनेक सन्दर्भो में महत्वपूर्ण रही। वह गोरक्षपीठाधीश्वर है। इस रूप में भी उनकी यहां के प्रति आस्था स्वभाविक है। मुख्यमंत्री के रूप में पूरे प्रदेश के विकास का भी उनका संकल्प है। इसमें अयोध्या का भी महत्वपूर्ण स्थान है। यहां का विकास केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है,बल्कि विश्व स्तरीय पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से भी इसका महत्व है। योगी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ही इस एजेंडे पर कार्य प्रारंभ किया था। उनका कहना था कि पहले की सरकार अयोध्या जी का नाम लेने से बचती थी। इसलिए यहां की उपेक्षा हुई। योगी ने अयोध्या जी के विकास पर बहुत ध्यान दिया। तीन वर्षों में वह बहुत बार यहां आए है। हर बार वह विकास की कोई ना कोई योजना भी लेकर ही आते थे। दीपावली के भव्य दीपोत्सव को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठा मिली।
इस बार की उनकी यात्रा विशेष परिस्थितियों में हुई है। एक तो इस समय कोरोना संकट है,दूसरा यह कि यहां श्री राम लाल विराजमान मंदिर का विधिवत निर्माण प्रारम्भ होना है। योगी श्री राम मंदिर निर्माण की स्थिति देखने गए। उन्होंने श्री रामलला का दर्शन किया। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में किया पौधारोपण किया। योगी सरकार दुनिया का सबसे बड़ा
पौधरोपण अभियान शुरू करने जा रही है। इस संदर्भ में भी श्रीरामलला मंदिर परिसर का पौधरोपण प्रतीकात्मक महत्व भी रखता है। उन्होंने हनुमानगढ़ी में बजरंगबली का भी दर्शन किया। इसके पहले पच्चीस मार्च को वह अयोध्या आये थे। तब श्रीरामलला को नए अस्थायी मंदिर में विराजमान किया गया था। आज उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से भी मुलाकात की। योगी ने अस्पताल का निरीक्षण किया और अयोध्या के विकास कार्यों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।