कल्याणजी जाना के शानदार एवार्ड शो पर बॉलीवुड की नज़र
अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ )
बॉलीवुड के मल्टी टैलेंटेड अभिनेता कहे जानेवाले कल्याणजी जाना अब तक अनेकों एवार्ड शो तथा फ़िल्म फेस्टिवल आदि का आयोजन करते आये हैं। इस साल भी वे पिछले वर्षों की भांति अपना सुपरहिट एवॉर्ड शो ” दादासाहेब फालके आइकॉन एवॉर्ड ” 24 नवंबर को गोवा में आयोजित करेंगे। इसके साथ- साथ उनका डीपीआईएफ इंडिया शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल भी शुरू हो रहा है । तमाम शॉर्ट फिल्म मेकर के लिए ये एक सुनहरा मौका और अच्छा प्लेटफार्म होगा।
बॉलीवुड की रंगीन दुनिया में कुछ नाम ऐसे भी हैं जो यहां आये तो थे देश के दूरदराज गांवों की अंधेरी गलियों से, पर अपने टैलेंट व अपनी मेहनत के बल पर बॉलीवुड में उन्होंने अपने लिए विशेष जगह बनाई और सितारे बनकर जगमगा उठे। ऐसा ही एक नाम कल्याणजी जाना का भी रहा है ।
इस कलाकार के संघर्ष की गाथा किसी फ़िल्म की उलझनभरी स्क्रिप्ट से कम नहीं। गरीबों का एक्टर कहे जाने वाले मल्टी टैलेंटेड शख्स कल्याणजी जाना मात्र 12 साल की उम्र में अपने गांव (मेदनीपुर- वेस्ट बंगाल) से भाग कर मुंबई में कुछ बनने आए थे। उस समय मुंबई के फुटपाथ पर सोये ,जो मिला खाया और अपने सपने की पूर्ति के लिए रास्ता खोजते रहे। यहां छोटे-छोटे बहुत सारे काम करने के बाद उन्होंने कुछ पैसों की बचत की और शंकर गली – कांदिवली वेस्ट में एक छोटी सी फूलों की दुकान खोली। उस दुकान के आगे एक नृत्य विद्यालय था । उस विद्यालय के बाहर से वे छुप-छुपकर डांस देखते व स्टेप्स सीखा करते थे। फिर रात को सार्वजनिक शौचालय या पार्क में अपने नृत्य का अभ्यास किया करते थे। वे इसमें सिध्हहस्त हुए तो शुरुवात में पहले उस क्षेत्र के कुछ बच्चों को उन्होंने निःशुल्क डांस सिखाना शुरू किया ।फिर कल्याणजी ने ‘ वेस्टर्न डांस एकेडमी ’ नाम के डांस-स्कूल की सत्यापन कर दी। उस वक्त कल्याणजी ने दहिसर से लेकर बांद्रा तक के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में नृत्य की कक्षाएं भी शुरू कर दीं। फिर बड़े होटल, कॉर्पोरेट शो में अपने डांस क्लास के छात्रों के साथ वे डांस का जलवा दिखाने लगे।
इसके बाद उन्होंने फिल्म उद्योग में अपनी किस्मत आजमाई। पहला ब्रेक उन्हें रवि के पटवा ( निर्देशक ) और एक्टर आदर्श कुमार पटवा द्वारा ‘महिमा काशी विश्वनाथ’
में मिला। उसके बाद हिंदी फिल्म अनलिमिटेड नशा और रूह जैसे हिंदी फिल्म में डांस कोरियोग्राफर के रूप में भी उन्होंने काम किया। कल्याणजी ने गुजराती सुपरहिट फिल्म जय-विजय में भी डांस कोरियोग्राफर के रूप में काम किया है। उस साल गुजरात में
उन्हें बेस्ट डांस मास्टर एवॉर्ड मिला था। इसके बाद सुपरहिट शो आनंद गुजरात की नृत्य प्रतियोगिता में महान कोरियोग्राफर सरोज खान के साथ शो को उन्होंने जज भी किया।
कल्याण जी ने एक हिंदी फिल्म भी बनाई है जिसका नाम था ‘ ढूंढ लेंगे मंजिल हम ‘। इस फिल्म में वे मेन लीड थे।
कल्याणजी जाना मुंबई से प्रकाशित हिंदी न्यूज़ पेपर दार्शनिक मुंबई (साप्ताहिक) के संपादक भी हैं। पिछले 7 साल से वे दार्शनिक मुंबई प्रेस मीडिया एवार्ड का भी आयोजन करते हैं. जिसमें फिल्म कलाकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, संगठनों, पत्रकार , वकील, डॉक्टरों और शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। उसके अलावा “नारी शक्ति अचीवर अवार्ड”, “छत्रपति शिवाजी गौरव अवार्ड”, मिस्टर एंड मिस आइकॉन दार्शनिक मुंबई फैशन शो का भी आयोजन करते हैं।
कोरोना महामारी में गरीबों की मदद करनेवाले समाज सेवियों को दादासाहेब फालके आईकॉन एवॉर्ड – फिल्म्स के मंच पर कोविड 19 योद्धा एवार्ड से सम्मानित करने का भी उनका विचार है।