डॉ दिलीप अग्निहोत्री

अयोध्या के प्रति भारतीय आस्था आदिकाल से है। त्रेता युग में यहां प्रभु राम ने अवतार लिया। तबसे यह तीर्थ नगरी के रूप में प्रतिष्ठित हुई। दीपावली का पर्व भी श्री राम कथा से जुड़ा है। प्रभु राम माता सीता व लक्ष्मण जी चौदह वर्षो बाद अयोध्या वापस आये थे। कालांतर में जन्मभूमि पर मंदिर बना होगा। मुगल काल में इसका विध्वंस किया गया। पांच शताब्दी बाद अयोध्या में उत्साह का ऐसा माहौल आया है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयास किया।

योगी ने कहा 492 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद वह अवसर भी आया जब राम जन्मभूमि परिसर में ​दीप जले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी के दौरान भी श्रीराम मंदिर का निर्माण संभव कर दिया है। अयोध्या में राम मंदिर के सपने को पूरा करने के लिए हम उनके आभारी हैं। ‘कई पीढ़ियों से सभी के मन में एक ही अभिलाषा थी। श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण कार्य को अपनी आंखों से देख लेते,तो हमारा जन्म और जीवन धन्य हो जाता। वह कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण सफल हुआ है। अगले दीपोत्सव में 7.51 लाख दीयों से रौशन होगी अयोध्या।

आदित्यनाथ ने कहा कि  प्रदेशवासियों और सभी श्रद्धालु भक्तों की तरफ से वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करते हैं। उनकी प्रेरणा से, उनके मार्गदर्शन से, उनकी रणनीति से पांच सदी का संकल्प पूरा होते हुए देश और दुनिया देख रही है। मुख्यमंत्री ने कहा,हमने न केवल राम की पैड़ी को अविरल और निर्मल बना दिया है, बल्कि उसका विस्तार भी किया है।

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