हेमांगिनी पटेल, संवाददाता, दक्षिण गुजरात.
देश की निगाहें जहां एक तरफ बिहार चुनाव पर टिकी हुई हैं। वहीं सट्टेबाजों और बुकियों की निगाहों का निशाना भी बिहार की ओर ही है। बिहार विधानसभा के लिए मचे घमासान का फायदा उठाने के लिए सट्टेबाज भी सक्रिय हो गए हैं। कुल 243 विधानसभा क्षेत्रों के चुनावों को लेकर बुकियों की रणनीति तैयार हो चुकी है। भाव खुल चुके हैं। कुल 25 हजार करोड़ रुपए का सट्टा लगने की उम्मीद सट्टाबाजार कर रहा है। बुकियों का मानना है कि न केवल कांटे की टक्कर है बल्कि फोटो फिनिश में जीत एनडीए को मिल सकती है और वे ही जोड़तोड़ कर सरकार बनाएंगे।
एक बुकि ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि पिछले चुनाव में भाजपा के 91 विधायक बने थे। जेडीयू के 115 उम्मीदवार जीत कर विधानसभा में पहुंचे थे। इसी तरह कांग्रेस के पास महज 4 ही विधायक थे। आरजेडी के पास 22 विधायक थे। इस बार हर राजनीतिक दल के लिए यह चुनाव न केवल वर्चस्व की लड़ाई बना हुआ है बल्कि बिहार के सबसे कद्दावर नेता एवं सफल मुख्यमंत्री माने जा रहे नीतीश कुमार के लिए ये चुनाव अग्निपरीक्षा माना जा रहा है।
सुरत बुकियों का कहना है कि इस बार जेडीयू 110 उम्मीदवार उतार रहा है, तो उसके सामने भाजपा 160 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर है। भाजपा को टक्कर देने के लिए आरजेडी ने 100 और इंका ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है। सट्टाबाजार का मानना है कि बहुमत हासिल करने के लिए कुल 122 विधायकों का एक ही दल के लिए विधानसभा में पहुंचना जरूरी है। इस हिसाब से तो यदि 90 से 95 सीट तक भाजपा को मिल जाती है तो सहयोगी दलों के साथ मिल कर वह सरकार बना सकती है। दूसरी तरफ सुरत के बुकियों के मुताबिक महागठबंधन की जीत का आंकड़ा 110 से 115 तक सिमट कर रह सकता है।
सुरत के बुकियों का अपना निगरानी और शोध का पूरा तंत्र विकसित है। वे न केवल सभी राजनीतिक दलों की सभाओं पर निगरानी रख रहे हैं बल्कि लगातार राजनीतिक पंडितों और खुद राजनेताओं से भी अंदरूनी जानकारियां हासिल करते रहते हैं ताकी जनता का मूड समझा जा सके। सूत्रों के मुताबिक चुनावों पर सट्टा लगाने के लिए कोई भी बुकि बिहार में रह कर धंधा नहीं करेगा। वहां बस निगरानी के लिए ही आदमी रखे हैं, सुरत के एक बुकि के मुताबिक इस सट्टे में खुद राजनेता भी अच्छी–खासी रकम लगाते हैं, वे न केवल अपने उम्मीदवार और दलों की जीत पर सट्टा लगाते हैं बल्कि विरोधी दलों के तगड़े उम्मीदवारों की जीत या हार पर भी सट्टा लगाते हैं, एक बुकि के मुताबिक मुंबई और आसपास के इलाकों में बिहार चुनाव का सट्टा लगाने के लिए बुकियों ने तैयारी कर ली है और वहीं बैठ रहे हैं।
सभी न्यूज चैनल के ओपीनियन पोल तथा सुरत के सट्टा बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए ये आसार साफ साफ दिखाई दे रहे हैं कि बिहार में इस बार भी सी.एम नीतीश कुमार ही बनेंगे, तो वहीं सुरत के कुछ और सटोरियों की माने तो 10 तारीख को परिणाम आने के बाद JDU तथा BJP की गठबंधन के आसार भी दिखाई दे रहे हैं, हा कुछ सीटों पर जरूर काटें की टक्कर रही है,
अब 10 तारीख को देखना ये है कि क्या सुरत के सट्टा बाजार में कि गई भविष्यवाणी सही साबित होती है या बिहार की जनता सुरत के सट्टा बाजार के भविष्यवाणी को झूठी साबित करती है।