डॉ दिलीप अग्निहोत्री
लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने रक्तदान को समाज के लिए उपयोगी बताया। यह कार्य सामाजिक दायित्व के अनुरूप है। उन्होंने शास्त्रों में भी कहा गया है कि हमें स्वेच्छापूर्वक दान करना चाहिए और रक्तदान से बढ़कर कोई दूसरा दान नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि यद्यापि रक्तदान को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां हैं,जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिए। लोगों को समझाना होगा कि रक्तदान करने से किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती बल्कि व्यक्ति यदि रक्तदान करता है तो उसे विभिन्न बीमारियों के होने का खतरा कम होता है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने छात्रों को रक्तदान के साथ साथ अंगदान के लिये भी प्रेरित करना चाहिए। इससे सकारात्मक बदलाव होगा।आनंदीबेन पटेल ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ में राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया। कहा कि राष्ट्रीय रक्तदान दिवस हम सभी को अधिक से अधिक स्वैच्छिक रक्तदान की प्रेरणा देता है।
राज्यपाल ने रक्तदान को सम्मान कार्यक्रम के अन्तर्गत उपस्थित स्वैच्छिक रक्तदान करने वाली समस्त संस्थाओं, स्वैच्छिक रक्तदाताओं, प्लाज्मादाताओं तथा उत्प्रेरकों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने रक्तदान एवं प्लाज्मा दान कर रोगियों की जान बचाने में सहयोग किया। उन्होंनेने ट्रांसफ्यूज मेडिसिन विभाग द्वारा कोरोना काल के दौरान रक्तदान और प्लाज्मादान से मरीजो की जान बचाने की सराहना की और कहा कि ये गर्व की बात है कि ये विभाग देश का सबसे बड़ा रक्त बैंक है और किसी की जिन्दगी बचाने के लिये किया गया ये दान सबसे महान दान है। चिकित्सकों का कर्तव्य है कि वे मरीज को अच्छी चिकित्सा सुविधा दें। उन्होंने कहा कि जब प्रतिष्ठित बड़ी हस्तियां,समाज सेवी संस्थायें,बड़े अधिकारी आदि रक्तदान करते हैं तो सन्देश दूर तक जाता है और लोग प्रेरित भी होते हैं। इसलिये इस सच्ची सेवा एवं महादान के लिये हमें आगे आना चाहिये तथा अधिक से अधिक कैम्प लगाकर इस महादान के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिये। राज्यपाल जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी का एक प्रतिशत लोग भी अगर रक्तदान करें तो प्रदेश में रक्त की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। लेकिन कुछ भ्रांतियों के कारण व जागरूकता के अभाव में लोग रक्तदान करने से बचते हैं। इसलिये रक्तदान के प्रति जागरूकता अत्यंत जरूरी है।