ट्रेन का किराया चुकता कर मजदूर सूरत से पहुंचे गोरखपुर
गोरखपुर से पवन मिश्रा की रिपोर्ट
गोरखपुर। कोविड-19 कोरोना वैश्विक महामारी फैलने से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू 23 व 24 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा निर्देशित सभी जनता अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहें 25 मार्च से अब तक 3 चरणों में लॉक डाउन की घोषणा 17 मई तक हो चुकी है जो जनता या मजदूर जहां थी वहीं फंसी रही ।
अब केंद्र सरकार जो जनता जहां फसी है उसे ट्रेनों द्वारा उनके जनपदों में भेजने का कार्य कर रही है ।यह कहते हुए की किसी भी यात्री से किराया नहीं लिया जाएगा । लेकिन ये सारे वादे के वादों तक ही सिमीट हैं। हकीकत कुछ और ही हैं। आईये हम बताते हैं गोरखपुर से इन वादों की हकिकत….
इस तस्वीर में जो शख्स आप को दिख रहा हैं ये सूरत में काम करने वाले प्रवासी मजदूर हैं। ये कुछ महिने पहले गोरखपुर से सूरत पैसा कमाने के लिये इस आश मे गया था कि वहां के कमाई के पैसे से वो अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेगा.. लेकिन हुआ कुछ और जो भगवान को मंजुर था। ऐसा समय कि कोरोना ने पूरे देश को अपने आगोश में ले लिया। देखते ही देखते जो जहां था वही का हो कर रह गया। वजह था लाकडाउन। हमारे हुरुरे आला ने आदेश दिया कि कोरोना की वजह से पूरे देश में लाकडाउन किया जा रहा हैं। जो जहां हैं वो वही रहे। धीरे धीरे समय बीता और सरकार दूसरे राज्यों में फसे प्रवासी मजदूरो को लाने की घोषणा कर दी साथी ही ये भी कहां कि फसे हुए किसी भी मजदूर से पैसा नही लिया जायेगा। लेकिन हुआ इसके बिलकुल उल्टा।
गोरखपुर पहुचे इस यात्री ने बताया कि उन्हे सूरत से यहां ने के लिये किराया चुकाना पड़ा हैं । सूरत से गोरखपुर पहुंचने वाले कुछ यात्रियों ने बताया कि हम लोग किराया देकर आए हैं। कुछ यात्रियों ने बताया कि 1500 किराया दिए हैं तो कुछ यात्रियों ने बताया कि साढ़े छ सौ किराया दिए हैं।
केंद्र सरकार व रेल मंत्रालय कह रही है, कि मजदूरों को फ्री में पहुंचाया जा रहा है। अब किसकी बात सत्य है ये आप खुद समझ सकते हैं। मजदूर के हाथों में वर्तमान का टिकट इस बात का सबूत हैं कि सरकार के वादे केवल वादे हैं। हकिकत में गरिब मजदूर को केवल और केवल छला जा रहा हैं। अब सत्य कौन बोल रहा है ? मजदूर, रेल प्रशासन या सरकार।
लेकिन यूपी सरकार गोरखपुर रेलवे स्टेशन से आए हुए यात्रियों को उनके गृह जनपद तक फ्री में पहुंचाने का कार्य अपनी रोडवेज की बसों से सम्मान के साथ फल बिस्किट पानी लाई भुजा दे कर पहुंचा रही ।