सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात

 

गुजरात। कोरोना का कहर तो अब भी जारी है लेकिन कोरोना के बिच सावधानियों के साथ जीने की दिशा में धीरे धीरे तमाम काम धंधे शुरू हो रहे है या हो चुके है लेकिन खानपान व्यसाय से जुड़े, शादी समारोहों से जुड़े रेलवे से जुड़े करोड़ों लोगों का कामकाज आज भी ठप है , आगे की राह भी मुश्किल कोरोना वायरस के कारण करोड़ों लोगों पर सीधा असर पड़ा है। गुजरात में एक लाख से अधिक लोग इस बीमारी से प्रभावित हो चुके हैं और साढ़े तीन हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन इन गिनतियों के परे करोड़ों लोग हैं जिनकी जिंदगियों और जीविका पर इस बीमारी का सीधा असर पड़ रहा है।

कोरोना महामारी ने अपनी चपेट में आने वाले हजारो की जाने तो ली ही है लेकिन ऐसे लाखो लोग है करोडो लोग है जिन्हे कोरोना ने बीमारी की शक्ल में तो चोट नहीं पहुंचाई मगर उनकी रोजी रोटी छीन कर उनके जीवन को मौत की कागार पर लाकर खड़ा कर दिया है , ऐसे कई सेक्टर है जो कोरोना के चलते दम तोड़ रहे है लेकिन आज बात खानपान के व्यवसाय की जो सिर्फ होटल और रेस्टोरेंट तक ही सिमित नहीं है जिसका बहुत बड़ा तबका रेलवे से जुड़ा है , शैक्ष्णिक संस्थानों से जुड़ा है ऐसे तमाम लोग आज भी बेरोजगार बैठे है सिर्फ होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री की बात करे तो ये अब तक ५ हजार करोड़ का नुकशान उठा चुके है जबकि खानपान के अन्य संस्करणों को इसमें जोड़ ले तो शादी व्याह में कटेरिंग करने वाले शैक्ष्णिक संस्थानों में काम करने वालो को जोड़ ले तो ये नुकशान १५ हजार करोड़ के आकड़े को भी पार कर जाएगा और मुसीबत ये है की ये आकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

सरकार ने अनलॉक में शादी समारोह में १०० लोगो के इकठ्ठा होने की अनुमति दी है ऐसे में १० हजार करोड़ की इवेंट मॅनॅग्मेंट इंडस्ट्री के लिए ये ऊंट के मुँह में जीरे के सामान छूट है जिससे उनके कारोबार को कोई खास लाभ नहीं मिलने वाला , शादी समारोह व्यस्वसाय की ये एक बड़ी चैन है जिसमे खानपान , डेकोरेटर , ट्रैवलर , इवेंट मैनेजमेंट , वीडियो शूटिंग , गारमेंट , ज्वेलरी ,होटल इंडस्ट्री जैसे कई व्यसाय आपस में जुड़े है। देशभर में कोरोना वायरस के डर से तमाम तरह के कार्यक्रम निरस्त किए जा रहे हैं, जिससे हर किसी को आर्थिक नुकसान हो रहा है। शादियों से लेकर सेमिनार तक के लिए जो विदेशी यात्री भारत आकर कार्यक्रम करना चाहते थे वो अपनी बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं, जिससे करोड़ों का नुकसान भी हो रहा है।
कोरोना के चलते तमाम शैक्ष्णिक संसथान बंद है खासकर जो बड़े इंस्टिट्यूट की बात करे तो आईआईटी , आईआईएम , इंजीनियरिंग कॉलेज , जैसी तमाम यूनिवर्सिटीज में शिक्षण कार्य बंद है , होस्टल्स खाली पड़े है , स्टाफ नहीं है विद्यार्थी नहीं है ऐसे में यहाँ चलने वाली रेस्टोरेंट्स बंद पड़े है कैटरर्स और नौकर सभी बेकार है , लॉक डाउन की शुरुआत से ही रेल सेवाएं बंद है अनलॉक के बाद चुनिंदा रेल सेवाएं चल रही है लेकिन वो भी बड़े स्टेशन से ही ऑपरेट हो रही है ऐसे में छोटे स्टेशन के सारे कैटरिंग स्टाल बंद पड़े है , रेल यात्रियों में चाय नास्ते की बिक्री के जरिये अपने घर का भरण पोषण करने वाले लाखो रेलवे कैटरर्स भुखमरी की कगार पर है और आगे भी उन्हें कोई रौशनी की किरण नहीं दिखाई दे रही

कोरोना वायरस का प्रभाव करीब 40 देशों में फैल चुका है,। अपनी शादियों को एक अलग अंदाज देने के लिए हर साल सैकड़ों विदेशी पर्यटक भारत में आकर थीम आधारित शादियां प्लान करते हैं, . “बाहर से शादियों की करीब 80 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं। थीम आधारित शादियों के लिए इनका एक अलग सेटअप होता है। कम से कम तीन दिन की बुकिंग होती है, इसमें लाइट, कैटरिंग, टेंन्ट वालों को काफी काम मिलता है। पूरे साल की शादियां कैंसिल हो गई हैं, भारत में शादी समारोहों से हर तबके को रोजगार मिलता है, खानपान , होटल, टेन्ट से लेकर फूल वाले तक। शादी की तैयारी में समाज का हर तबका शामिल होता है, जो उनकी कमाई का प्रमुख जरिया भी होता है

बहरहाल इन सबकी मांग है की समारोहों में 100 लोगो की छूट को बढ़ाकर ज्यादा लोगो की जाय और वही जीएसटी और इनकम टैक्स में भी दो साल के लिए इस व्यसाय से जुड़े लोगो को छूटछाट दी जाए

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