भूमिका, संवाददाता, गुजरात

गुजरात में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आज बजट पेश किया गया है। इस बजट को गुजरात के उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री नितिन पटेल ने पेश किया। उनके द्वारा पेश किया गया यह 9वां बजट है। पटेल द्वारा गुजरात राज्य की स्थापना के बाद पहली बार 2.27 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है। बजट की स्क्रिप्ट पढ़ते हुए नितिन पटेल ने कई अहम घोषणाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि, पिछली बार के बजट से इस बार 10,000 करोड़ रुपए ज्यादा हैं।

आज गुजरात के वित्तमंत्री नितिन पटेल ने 2.27 लाख करोड़ रुपये के अब तक के सबसे बड़ा बजट पेश किया। बजट में 32,719 करोड़ रुपये शिक्षा के क्षेत्र के लिए आवंटित किए हैं और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण विभाग के लिए 11,323 करोड़ रुपयये का आवंटन किया गया है लेकिन खेलों के लिए महज 70 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान है हाल ही में बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने भी अपना बटज पेश किया है जिसमें खेलों को लेकर बड़ी घोषणाएं हुई हैं. दोनों राज्यों में खेल विश्वविद्यालय खेलने को लेकर एक भारी-भरकम राशि आवंटित की गई है लेकिन गुजरात में ऐसी किसी भी योजना की बात बजट में सामने नहीं आई.

नितिन पटेल ने आज राज्य का पहला पेपरलेस बजट पेश किया जिसमें खेलों को बढ़ावा देने के लिए कुल 70 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया. इसमें 6000 गांव में बास्केटबोल, वॉलीबॉल, खो-खो, कबड्डी, फुटबॉल और एथलेटिक्स जैसे खेल के लिए मैदान तैयार करने का खातिर 30 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है इसके अलावा राज्य से खेलों चैंपियन तैयार करने के लिए और उनके लिए अच्छे प्रशिक्षण के लिए स्पोर्ट्स स्कूल का प्रावधान किया गया है जिस पर 27 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तालुका वडनगर मे एथलेटिक्स ट्रैक और स्पोर्ट्स हॉस्टल तैयार करने के लिए 13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

बता दें कि गुजरात के वित्तमंत्री नितिन पटेल ने लगातार नवां बजट पेश करते हुए शहरी विकास के लिए 13,493 करोड़ रुपये, जल संसाधनों के लिए 5,494 करोड़ रुपये, जल आपूर्ति के लिए 3,974 करोड़ रुपये, कृषि खेदुत कल्याण योजना के लिए 7,232 करोड़ रुपये, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के लिए 4,353 करोड़ रुपये और श्रम कल्याण व रोज़गार के लिए 1,502 करोड़ रुपये आवंटित किए.

गुजरात को स्पोर्ट्स स्टेट बनते देखने का सपना लोग वर्षों से देख रहे हैं. कई शहरों को स्पोर्ट्स सिटी के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई जा रही है लेकिन बजट में रूपाणी सरकार ने खेलों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है.

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