केयूर ठक्कर, गुजरात
गुजरात हाईकोर्ट ने अवमानना का एक अनोखा ही माम्ल आ सामने आया जिसमे किसी आरोपी पर नही बल्कि जजो पर लटक रही कार्यवाही की तलवार माफी मांगने के बाद टल गई है गुजरात हाइकोर्ट ने एक मामले में बिना शर्त माफी मांगने पर 9 जजों को राहत दे दी है.
40 साल पुराने एक मामले में हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद 2005 तक ये आंणद अदालत के 9 जज मामले का निपटारा करने में विफल रहे थे, दरअसल दिसंबर 2004 से अभी तक 16 जज आणंद कोर्ट में समय-समय पर रहे, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मामले का निपटारा नहीं किया गया. मामले में 88 वर्षीय याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसमें 10 जजों को पार्टी बनाया गया था.मामला 1977 के एक जमीन विवाद से जुड़ा है. इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने 2004 में आणंद जिला न्यायालय के लिए निर्देश जारी किया था. हाईकोर्ट ने 2005 तक मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया था.बावजूद इसके मामले में कोई सुनवाई नही की गई, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश का घोर उल्लंघन पाया. इसके बाद हाइकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए 6 रिटायर जजो को छोड़ कार्यरत 10 जजो को नोटिस दी और उसके बाद सभी जजो ने बिना शर्त माफी मांगी
इस मामले में सभी जज को माफी तो मिल गई है लेकिन बेंच ने रजिस्ट्रार जनरल से कार्यवाही का रिकॉर्ड उन सभी के सर्विस रिकॉर्ड में रखे जाने को कहा है. सर्विस बुक में दर्ज होने के बाद इन जजों के प्रमोशन और अन्य मामलों पर असर पड़ेगा.