आलोक चांटिया

एक बार विष्णु जी के सामने लक्ष्मी जी अपनी सुंदरता का अभिमान करने लगी तो विष्णु जी ने बातों बातों में कह दिया कि खूबसूरत चाहे जितनी हो पर एक संतान उत्पन्न नहीं कर सकी | इस पर लक्ष्मी जी काफी दुखी हुई वह अपनी सहेली पार्वती के पास पहुची और अपना दर्द बताया | पार्वती जी ने कहा कि मेरे दो पुत्र कार्तिकेय और गणेश है जो चाहो तुम ले लो | लक्ष्मी जी को गणेश पुत्र के रूप में ठीक लगे | गणेश दुनिआ के पहले दत्तक पुत्र हुए और इसी माँ बनने की ख़ुशी में लक्ष्मी जी ने पार्वती से कहा की जब कोई धन सम्पदा सुख के लिए मुझे चाहेगा तो उसको गणेश की भी पूजा करनी पड़ेगी और जो ऐसा नहीं करेंगे मैं उनके घर जीवन में नहीं जाउंगी | बस उसी दिन से लक्ष्मी के साथ गणेश जी की भी पूजा होने लगी …………….क्यों अब तो माँ बेटे का मतलब समझ में आ गया होगा !!!!!!!!!!!!!!!!!!! जिसे देखो वही यार लक्ष्मी जी तो विष्णु की पत्नी है फिर इनकी पूजा गणेश के साथ क्यों होती है ????????????? हो गया ना समस्या का समाधान ………..तो कहिये हैप्पी दीपावली ……..अखिल भारतीय अधिकार संगठन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here