सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात
गुजरात में कोरोना को लेकर हो रही परेशानीया अभी कम भी नही हो रही हैं कि कोरोना ने एक बार फिर से गुजरात में एक नया सरदर्द पैदा कर दिया हैं। जिसको लेकर गुजरात सरकार परेशान होती हुई नजर आ रही हैं। गुजरात में कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनकों पहले ही कोरोना पाजिटीव हुआ और फिर से अब इन्ही लोगों को एक बार फिर से कोरोना हो रहा हैं। जिसकों लेकर स्वाथ्य विभाग की चिन्ता लगातार बढ़ती जा रही हैं. चिन्ता तब और बढ़ जा रही हैं जब दोबारा कोरोना हुए मिजों में एन्टीबाडीज रिपोर्ट में नही आ रहा हैं।
गुजरात के अहमदाबाद में महानगर पालिका ने ये बताया हैं कि 18 अगस्त से 6 सितम्बर के बीच कोरोना पाजीटीव के 4 ऐसे केस सामने आये हैं जो 4 महिना पहले भी कोरोना पाजीटीव पाये थे। जो कि 4 महिने पहले ही कोरोना निगेटीव भी हो गये थे। जानकारी के मुताबिक, जिन चार लोगों को फिर से संक्रमण हुआ है, उनमें गुजरात कैंसर और अनुसंधान संस्थान (जीसीआरआई) के 33 साल के दो पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर और एलजी हॉस्पिटल की 26 वर्षीय महिला रेजिडेंट डॉक्टर तथा बेहरामपुरा की एक 60 वर्षीय महिला शामिल हैं.
ये लोग पहली बार 13 अप्रैल से 21 अप्रैल के बीच कोरोना पॉजिटिव आए थे. इलाज करने के बाद इन सभी की आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद छुट्टी दे दी गई थी. दोबारा संक्रमित पाए गए ये लोग उस सीरो सर्वे का भी हिस्सा थे, जिसमें ये पाया गया था कि 1,816 पॉजिटिव केस में से 40 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी नहीं बनी है. खास बात यह है कि फिर से कोरोना संक्रमित हुईं 60 वर्षीय महिला उन 60 फीसदी लोगों में शामिल थीं, जिसमें एंटीबॉडी बन गई थी. वहीं रेजिडेंट डॉक्टर्स उन 40 फीसदी लोगों में से हैं, जिनमें संक्रमण के बाद भी एंटीबॉडी नहीं बनी है.
अहमदाबाद नगर निगम द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि दोबारा संक्रमित पाए गए चार लोगों में से एक व्यक्ति हाल ही में केरल गए थे, वहीं बाकी के तीन लोग अहमदाबाद में ही थे. नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि तीनों डॉक्टरों को अस्पताल में संक्रमण हुआ होगा, लेकिन 60 वर्षीय को दोबारा संक्रमण होने के स्रोत का अभी तक पता नहीं लगा पाया है. निगम ने कहा कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों को दोबारा संक्रमण होना उनके ‘सीरो सर्वे के निष्कर्षों’ के अनुसार ही है.
इस सर्वे में पता चला था कि कोरोना संक्रमित में से करीब 40 फीसदी लोग अपना एंटीबॉडी खो चुके हैं, जिसके चलते वे दोबारा संक्रमित हो सकते हैं. वहीं, गुजरात सरकार दोबारा संक्रमण होने के मामले को लापरवाही भरा दलील देकर अपना पल्ला झाड़ रही है कि उनके द्वारा कराए गए एंटीबॉडी सर्वे में इन लोगों में एंटीबॉडी नहीं पाया गया था, जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस पर गहरी चिंता जता रहे हैं।
इससे पहले कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जहां कोविड संक्रमण से स्वस्थ हो चुकी एक महिला फिर से इस वायरस से संक्रमित पाई गई थीं. बेंगलुरु के फोर्टिस हॉस्पिटल ने बताया था कि जुलाई में 27 साल की ये महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं और इलाज के बाद उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव होने पर उन्हें घर भेज दिया गया था। लेकिन एक महीने के बाद उनमें फिर कोरोना के लक्षण मिले और टेस्ट में फिर कोविड-19 की पुष्टि हुई।
इस तरह की समस्या को लेकर अब सरकार को गम्भीरता से सोचने की जरूरत हैं। कोई देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं साथ ही लाकडाउन भी अब खत्म हो गया हैं जिससे कि बाजारों में अब भीड़ भी होने लगी हैं। ऐसे में अगर सरकार ने जरा भी लापरवाही बरती तो इसका खामियाजा मासूम जनता को भरना पड़ेगा।