सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात
गुजरात बीजेपी में एक तरफ जहा पत्रिका युद्ध और इस्तीफा का दौर जारी है वही गुजरात कांग्रेस ऐसे में बीजेपी पर निशाना साधने से नहीं चूक रही , गुजरात में कांग्रेस के विधानसभा में नेता अमित चावड़ा ने बीजेपी की अंर्तकलह पर चुटकी ली है। चावड़ा ने कहा कि बीजेपी में इन दिनों एक-दूसरे की टांग खिंचाई चल रही है। जनता ने बीजेपी को १५६ सीटे दी है लेकिन जनता की चिंता करने की बजाय नेता एक दूसरे के खिलाफ पर्चे और पेन ड्राइव बांट रहे हैं।
कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने गुजरात बीजेपी में हुए इस्तीफों का हवाला देते हुए कहा है कि गुजरात बीजेपी में आंतरिक लड़ाई अब चरमसीमा पर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि पहले पार्टी दो गुटों में बंटी हुई थी अब पार्टी पांच से ज्यादा ग्रुप में बंटी हुई है। चावड़ा ने कहा कि गुजरात अलग-अलग गुट अपनी सरकार चला रहे हैं। चावड़ा ने आरोप लगाया कि जनता की बीजेपी नेताओं को फिक्र नहीं है। उन्होंने कहा गुजरात उड़ता गुजरात बनने की ओर बढ़ रहा है।चावड़ा ने कहा कि मैं बीजेपी के नेताओं से विनती करता हूं कि वे जितना एक ध्यान एक-दूसरे की टांग खींचन में कर रहे हैं। थोड़ा ध्यान लोगों की समस्याओं को दूर करने में दे दें।
गुजरात बीजेपी के सबसे ताकतवर महामंत्री प्रदीप सिंह वाघेला के इस्तीफे के बाद पार्टी बैकफुट पर हैं। वाघेला ने ऑफ कैमरा कहा कि उन्होंने गुजरात में पार्टी के महासचिव के पद से इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि पिछले दो वर्षों से उनकी छवि को खराब करने के ठोस प्रयास किए गए थे, ज़ाहिर है उनका इशारा पार्टी के कुछ नेताओ की तरफ था । वाघेला के इस्तीफे के पहले कुछ दिन पहले गुजरात भाजपा प्रमुख और सांसद सीआर पाटिल के खिलाफ कथित रूप से ‘मानहानिकारक’ पत्र प्रसारित किए जाने के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपी भी पार्टी के बड़े नेताओ के ही समर्थक बताये जा रहे है।
वाघेला के इस्तीफे के अलावा भाजपा के वडोदरा शहर के महासचिव सुनील सोलंकी ने कहा कि उन्होंने भी ‘व्यक्तिगत कारणों’ से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वड़ोदरा महानगर पालिका में सत्तारूढ़ दल के नेता लिम्बाचिया को जुलाई में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन्होंने मेयर नीलेश राठौड़ के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पर्चे बांटे थे. इसके बाद पार्टी ने भी लिम्बाचिया को छह साल के लिये निकाल दिया था.इस सबको देखते हुए लग रहा है की लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गुजरात बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है.