सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात

गुजरात। गुजरात में कोरोना का कहर कुछ इस कदर हैं कि पुरे १०१ दिनों तक कोरोना से जूझने के बाद कोरोना को पछाड़ पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भरतसिंह सोलंकी आज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए। कांग्रेसी नेता भरत सिहं को कोरोना हुआ था, जिससे उबरने में उन्हें इतना लंबा वक्त लग गया। यहां कोविड अस्पताल की ओर से बताया गया है कि लगातार 101 दिन तक उपचार कराने के बाद उन्हे गुरुवार को हास्पीटल से डीस्चार्ज किया गया। अस्पताल का दावा है की वो एशिया के ऐसे मरीज है जिनका इतने लंबे समय तक उपचार चला।

कांग्रेसी नेता भरतसिंह सोलंकी को उपचार के दौरान 51 दिन तो आईसीयू में ही रहना पड़ा। अब उनका कोविड-19 से जूझते हुए स्‍वस्‍थ होकर घर लौटना अपने आप में एक रिकार्ड है, क्योंकि वह कोरोना का सबसे ज्यादा दिन उपचार कराने वाले एशिया के पहले मरीज हैं। स्वस्थ होने पर सोलंकी ने कहा कि डॉक्टर ही धरती पर दूसरे भगवान हैं। डॉक्टर्स एवं मेडिकल स्‍टाफ ने मेरी खूब देखभाल की। डाक्टरों के मुताबिक उनके दोनों फेफड़े बुरी तरह से इन्फेक्टेड था। इसके अलावा किडनी की कमजोरी की वजह से २४ घंटे डायलिसिस करना पड रहा था। ऑक्सीजन लेवल बहुत कम होने से उन्हें प्रोन वेंटिलेशन देना पड़ा था।

सोलंकी के मुताबिक उनकी हालत बहुत ख़राब थी लेकिन मनोबल उन्होंने गिरने नहीं दिया , उन्होंने अपने आपको डाक्टरो के भरोसे छोड़ दिया और डाक्टरों ने एक टीम बनाकर पूरी लगन से उनका इलाज किया और सोलंकी आज स्वस्थ महसूस कर रहे है , सोलंकी ने फिलहाल कोरोना से जित की ख़ुशी जाहिर की लेकिन अपने राजनितिक कामकाज को लेकर साफ़ संकेत दिए की वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर राजनीती में कब लौटेंगे ये फिलहान कहना मुश्किल है सोलंकी को 23 जून 2020 के दिन वडोदरा स्थित कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया। करीब एक सप्‍ताह के भीतर उन्‍हें अहमदाबाद के सिम्‍स अस्‍पताल लाया गया। उनकी हालत धीरे धीरे बहुत बिगड़ने लगी थी। वो अपने पैरो पर खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। ऑक्सीजन लेवल भी बहुत कम हो गया था एक बार डाक्टरों ने आशा भी छोड़ दी थी लेकिन सही दिशा में किया जा रहा इलाज काम आया।

भरतसिंह सोलंकी गुजरात के पूर्व सीएम माधवसिंह सोलंकी के बेटे हैं। डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में राज्‍यमंत्री रहे सोलंकी गुजरात कांग्रेस के अध्‍यक्ष रह चुके हैं। अस्‍थमा व डाइबिटीस की वजह से उनका कोविड-19 से संक्रमित होना ज्यादा चिंताजनक था उनका स्‍वस्‍थ होकर लौटना कोरोना से जूझ रहे हर मरीज व समाज के लिए एक उदाहरण होगा।

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