डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

उत्तर प्रदेश में विगत तीन वर्षों के दौरान ग्राम विकास के अनेक कारगर प्रयास किये गए। इसके दृष्टिगत अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन चल रहा है। इसके अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का कार्य भी शामिल है। जिसे मिशन के रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में ग्रामीण आजीविका मिशन ने अनेक क्षेत्रों में कार्य करते हुए नये आयाम स्थापित किए हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अनेक कार्यों को सम्पादित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने सैद्धान्तिक निर्णय लिया है कि सभी विकास खण्डों में पोषाहार वितरण का कार्य महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय की सफलता से पूरे देश में एक उदाहरण स्थापित होगा। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पोषाहार वितरण का प्रभाव सामुदायिक स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा। इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।

पूंजीकरण व एमओयू

योगी आदित्यनाथ ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ के 97,663 स्वयं सहायता समूहों एवं उनके संगठनों को 445.92 करोड़ रुपए की पूंजीकरण धनराशि का ऑनलाइन हस्तांतरण किया। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं आईसीआईसीआई बैंक के मध्य महिलाओं के प्रशिक्षण से सम्बन्धित एक एमओयू पर हस्ताक्षर एवं उसका आदान प्रदान भी किया गया। मुख्यमंत्री ग्राम्य विकास विभाग की पुस्तिका आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के इच्छुक हैं। स्वयं सहायता समूहों को शासन की योजनाओं से जोड़ा जाएगा। मातृशक्ति को स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा। अगले एक वर्ष में प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों की संख्या को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जाना चाहिए। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण कार्य होगा।

ODOP से स्वालम्बन

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्थानीय उत्पाद एवं महिला स्वयं सहायता समूह आत्मनिर्भर भारत का आधार बनेंगे। स्वयं सहायता समूहों को एक जनपद एक उत्पाद योजना के उत्पादों से भी जोड़ा जाएगा।
तथा उत्पादों की ब्राण्डिंग और मार्केटिंग की जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों के पास ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव,राशन की दुकानों के संचालन, पोषाहार के वितरण, स्कूल ड्रेस एवं स्वेटर के निर्माण,अगरबत्ती के निर्माण,गौ आधारित खेती,गोबर एवं मिट्टी के दीयों के निर्माण में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर हैं।

बैंकिंग काॅरेस्पाॅन्डेण्ट सखी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर गांव में बैंकिंग गतिविधियों के लिए बैंकिंग काॅरेस्पाॅन्डेण्ट सखी का चयन किया गया है। इनका प्रशिक्षण कराया जा रहा है। प्रशिक्षण के उपरान्त बीसी सखी ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग का कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 59,000 गांव एवं 600 नगर निकाय हैं। जबकि बैंक शाखाओं की संख्या लगभग 18,000 है। केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में प्रतिमाह बड़ी संख्या में धनराशि लाभार्थियों के बैंक खातों में अंतरित की जाती है। बीसी सखी के माध्यम से इन लाभार्थियों सहित अन्य लोग भी बैंक में लाइन लगाए बगैर सुविधापूर्ण ढंग से धनराशि की जमा और निकासी कर सकेंगे।

वित्तीय व सामाजिक समावेशन

ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को एकजुट करते हुए गरीबी उन्मूलन एवं उनके सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण कि दिशा में निरन्तर नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। विगत वर्ष में प्रदेश सरकार के विशेष प्रयासों 03 लाख 93 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 45 लाख से अधिक परिवारों को वित्तीय एवं सामाजिक समावेशन किया जा चुका है।

उल्लेखनीय कार्य

राजेन्द्र सिंह ने बताया कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों द्वारा कुल 1 करोड़ 28 हजार ड्रेस का निर्माण, 1 करोड़ मास्क निर्माण, 1,51,981आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ड्राई राशन का वितरण,18 जिलों के 204 विकासखण्डों में टेक होम राशन का वितरण,1,010 उचित दर की दुकानों का संचालन स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया गया है।

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