सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात
देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर तबाही मचाने के बाद, मानसून की तबाही ने आखिरकार जूनागढ़ पर हमला बोला जूनागढ़ में रविवार को भारी बारिश हुई, और अचानक बाढ़ आ गई। जिसके के बाद कई लोग मवेशी गाड़िया सबकुछ बाढ़ में बहता हुआ दिखाई दिया ऐसे में कथित तौर पर गिर, गिरनार और आसपास के इलाकों से कम से कम पांच शेरों के लापता होने की आशंका है।
जूनागढ़ में ४ घंटे में हुई १२ इंच से ज्यादा की बारिश से अचानक आई बाढ़ इतनी भीषण थी कि न सिर्फ गाड़ियां बल्कि कुछ जानवर भी पानी की तेज धारा में बह गए. यह अधिकारियों के लिए चिंता का एक बड़ा कारण बन गया है।वन विभाग इस बात को लेकर आश्वस्त है कि बाढ़ से बचने के लिए शेरों ने आसपास सुरक्षित स्थान पर शरण ली होगी और इसी बात की पुष्टि के लिए राज्य वन विभाग द्वारा आस-पास के क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। वनविभाग के मुताबिक उन्हें अब तक एक तेंदुए और एक नीलगाय की लाश मिली है लेकिन किसी शेर की कोई लाश नहीं मिली है।
अधिकारियों को अपने क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा गया है और उनसे कहा गया है कि अगर जानवरों के लापता होने का कोई मामला सामने आता है तो तुरंत सूचित करे। जंगल के साथ रेलवे पटरियों के पास शेरों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए 45 कर्मियों की एक टीम को तैनात किया गया है। पिछले दिनों अमरेली में बाढ़ के दौरान कुछ शेरों की मौत हो गई थी।
मार्च में विधानसभा के सत्र के दौरान वनमंत्री के दिए गए बयां के मुताबिक पिछले एक साल में अलग अलग कारणों से १०० शेरो की मौत हुई है।
साल २०२० में हुई गिनती के मुताबिक इस समय गिर में कुल ६७४ यानी के ७०० से भी ज्यादा शेर मौजूद है।