सत्यम ठाकुर, ब्यूरो चीफ, गुजरात

गुजरात में मानों आफत की बहार आ गई हैं। एक के बाद एक लगातार गुजरात पर आफत मंडरा रहा हैं। गुजरात के लिये निसर्ग तूफान को लेकर नई आफत सामने आई हैं। इसके लिये पहले से ही गुजरात से ने अपनी कमर कस ली हैं। क्यो कि अभी हाल ही में अम्फान से पश्चिम बंगाल और उडिसा में हुई तबाही का मंजर गुजरात सरकार ने भी देखा था। यही वजह हैं गुजरात सरकार पहले से ही अलर्ट हो गई हैं।

गुजरात सरकार ने निसर्ग चक्रवाती तूफान की आशंका के चलते भावनगर और अमरेली सहित तटीय जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसके साथ ही NDRF की 10 टीमों और SDRF की 5 टीमों को तैनात किया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी लॉकडाउन के बीच पहली बार अपने बंगले से बाहर निकले और आगामी चक्रवात की स्थिति को लेकर अधिकारियों के साथ राज्य के आपातकालीन केंद्र में बैठक की।

3 जून को सूरत, नवसारी, वलसाड,भरूच, भावनगर और अमरेली में 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और बारिश होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि संभावित इलाकों में NDRF की 10 टीमों और SDRF की 5 टीमों को तैनात कर दिया गया है. वहीं कुछ टीमों को स्टैंडबाई पर अलर्ट रखा गया है. सीएम रुपाणी ने कहा कि इस समय बीमारों, बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल की आवश्यकता ज्यादा है. जिला कलेक्टरों को मंगलवार दोपहर 12 बजे तक निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है.

सूरत जिले के 32 गावों में अलर्ट जारी किया गया है। निसर्ग चक्रवात को लेकर सूरत में अलर्ट जारी है और NDRF की एक टीम सूरत पहुंच गई है. सूरत के समंदर तटीय 32 गावों को अलर्ट किया गया है. वहीं, मछुआरों को 4 जून तक समंदर की ओर ना जाने का आदेश दिया गया है. सूरत के डुम्मस, डभारी और सुवाली बीच को भी बंद कर दिया गया है.

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