सुरेश चोपड़ा, संवाददाता, मध्य गुजरात.
भारतीय नौसेना ऐतिहासिक युद्धपोत INS विराट टूटने के लिए इस समय गुजरात के भावनगर अलंग शिपयार्ड में खड़ा हुआ है। हालांकि फ्लोटिंग क्रेन द्वारा इसे तोड़ने की कार्रवाई की जाती। इससे पहले ही अब इसके दोबारा बिकने की चर्चा होने लगी है। क्योंकि मुंबई की एक कंपनी पोत को संग्रहालय में बदलना चाहती है। INS विराट के मालिक श्रीराम ग्रुप ने इसकी कीमत 100 करोड़ रुपए लगा दी है। जबकि उन्होंने खुद इसे 38.54 करोड़ रुपए में खरीदा था।
श्रीराम ग्रुप के प्रेसिडेंट मुकेश पटेल ने गुरुवार को कहा कि यह पोत नीलामी में कबाड़ के तौर पर खरीदा गया था। संभावित खरीदार को इसे खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा। उन्होंने कहा-मैंने यह पोत देश प्रेम की वजह से खरीदा, अब मुंबई की एक कंपनी पोत को संग्रहालय में बदलना चाहती है। चूंकि वे भी देशभक्ति की वजह से ऐसा कर रहे हैं, इसलिए मैं उन्हें पोत बेचने को राजी हो गया।
एनवीटेक्ट मरीन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक निदेशक वीके शर्मा ने युद्धपोत खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने पहले केंद्र सरकार से एनओसी हासिल करने का विश्वास व्यक्त किया था, ताकि आईएनएस विराट को संग्रहालय में बदला जा सके। शर्मा ने दावा किया कि उन्हें इस देशभक्ति की कोशिश में गोवा सरकार का समर्थन मिला है।
पहले 125 करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन कंपनी के अच्छे काम पर विचार करते हुए इसे 100 करोड़ रुपये में बेचने पर राजी हो गया। पटेल ने यह भी कहा कि यह पेशकश सीमित समय के लिए है और वह सिर्फ अगले हफ्ते तक इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि कंपनी एनओसी लेने के लिए काफी कोशिशें कर रही है। लेकिन मैं हमेशा के लिए प्रतीक्षा नहीं कर सकता हूं। मैं एक और हफ्ते इंतजार करूंगा। इसके बाद मैं (पोत को) तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दूंगा।’