सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात
आगामी विधानसभा चुनावो से पहले गुजरत में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने अहमदाबाद पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया . अहमदाबाद में उन्होंने आप प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन किया. वरिष्ठ पत्रकार इसुदानभाई गढ़वी ने अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में पार्टी में शामिल भी हुए. वही केजरीवाल के दौरे से गुजरात में सियासत गरमा गई है कांग्रेस और बीजेपी ने केजरीवाल के आरोपों पर ज़ुबानी तीर चलाये।
गुजरात में फिलहाल कोरोना के मामले कम होते ही सियासत ने रफ़्तार पकड़ ली है , अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर दिल्ली की सीएम और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान करते हुए सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। और इस घोषणा के साथ ही गुजरात की राजनीती में उबाल आ गया है।
केजरीवाल के अहमदाबाद दौरे के दौरान गुजराती पत्रकार रह चुके इसुदान गढ़वी ने आप की सदयस्ता स्वीकार की इस मौके पर केजरीवाल ने इसुदान को गुजरात का केजरीवाल तक कह दिया एक पत्रकार के तौर पर गुजरात की जनता की आवाज़ बुलंद करने वाले इसुदान नेता के तौर पर उनकी समस्याओ का कितना समाधान कर पाते है ये अलग बात है लेकिन इससे पहले आप में शामिल हुए पत्रकारों को आप कुछ खास रास नहीं आइ ये भी हकीकत है बहरहाल केजरीवाल की माने तो बीजेपी और कांग्रेस को एक ही सिक्के के दो पहलु बताते हुए दोनों पर मिलीभगत का आरोप लगाया साथ ही ये भी कहा की अब ये दोनों पार्टिया ज्यादा दिन तक गुजरात की जनता को बेवकूफ नहीं बना पाएगी क्यूंकि अब उनके पास एक विकल्प मौजूद है जो अब तक नहीं था।
हाल ही में हुए नगर निगम चुनाव जहां पर केजरीवाल की पार्टी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. वहीं उसी चुनाव में कांग्रेस के लचर प्रदर्शन ने भी आप के लिए अवसर के दरवाजे खोल लिए. आम आदमी पार्टी पूरी कोशिश कर रही है कि अब आने वाले विधानसभा चुनाव को भी बीजेपी बनाम आप कर दिया जाए.. जानकारी के लिए बता दें कि सूरत निकाय चुनाव में 27 सीटों पर जीत के साथ आप मुख्य विपक्षी पार्टी बनी थी. वहीं बीजेपी ने 120 में से 93 सीट अपने नाम की थी. उस चुनाव में कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा था क्योंकि उसे सिर्फ बीजेपी ने नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी ने भी हरा दिया था.अब केजरीवाल भी गुजरात दौरे पर आ अपनी पार्टी के लिए एक मजबूत चुनावी रणनीति का खाका तैयार करने जा रहे हैं ऐसे में कांग्रेस इसे बीजेपी की बी टीम के तौर पर देख रही है और अब तक के गुजरात के राजनितिक इतिहास के हवाले से कह रही है की हर बार की तरह इस बार भी गुजरात में तीसरा मोर्चा मुँह के बल गिरेगा।
वही कोरोना के चलते पिछले दो महीने से भाजपा विधायकों की बैठक नहीं हो सकी थी जो पिछले तीन दिनों से गांधीनगर में चल रही है । भाजपा ने स्थानीय निकाय चुनावों में ही सूरत में आप को मिली अप्रत्याशित जित को लेकर चिंता व्यक्त की थी और इस बार कोरोना के दूसरी लहार में किस कदर जनता की नाराज़गी सामने आयी है ये भी पार्टी जानती है ऐसे में इतना तो तय है की बीजेपी भले ही केजरीवाल को गंभीरता से नहीं लेने का दिखावा कर रही हो लेकिन आप को लेकर वो लापरवाह होने की भूल नहीं करना चाहेगी
यह दूसरी बार है जब दिल्ली के सीएम केजरीवाल गुजरात पहुंचे हैं. इससे पहले फरवरी में भी वह सूरत गए थे, जहां स्थानीय निकाय चुनाव में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरी थी , इस बार सभी सीटों पर लड़ने की घोषण कर केजरीवाल ने गुजरात दौरे का मकसद साफ कर दिया है