सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात
गुजरात। साबरमती नदी के किनारे बने रिवर फ्रंट से उड़ान भरने को तैयार हैं सी प्लेन। प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का लोगों को काफी दिनो से इन्तजार था। जो की अब खत्म होने जा रहा हैं। प्रधानमंत्री मोदी खुद इस ऐतिहासीक पल का गवाह बनने गुजरात आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में 31 अक्टूबर से शुरू होने वाली से प्लेन सेवा के ट्रायल के लिए से प्लेन गुजरात पहुंच चूका है। सोमवार को दोपहर 1 बजे के करीब सरदार सरोवर में से प्लेन ने लैंड किया जिसके कुछ देर बाद से प्लेन स्टेचू ऑफ़ यूनिटी यानी की केवडिआ से उड़ान भरी और वो सवा तीन बजे के क़रीब अहमदाबाद रिवर फ्रंट पर लैंड हुआ जिसके एक घंटे बाद उसने फिर नर्मदा केवडिआ के लिए उड़ान भरी।
31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली सी-प्लेन सर्विस का शुभारंभ करने जा रहे हैं. यह सर्विस गुजरात में शुरू की जाएगी. देश का पहला सी-प्लेन स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से साबरमती तक उड़ेगा. सी- प्लेन में 12 यात्री होंगे जो इस 220 किलोमीटर की दूरी को 45 मिनट में तय करेंगे. हालांकि, प्रधानमंत्री पहले भी गुजरात में ही सी-प्लेन की सवारी कर चुके हैं, गुजरात चुनाव के दौरान 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार साबरमती रिवर फ्रंट में सीप्लेन से उड़ान भरी थी। इसके बाद से सी प्लेन को लेकर लोगों की उत्सुकता जगी।
प्लेन को तैयारियां अपने आखिर चरण में साबरमती रिवर फ्रन्ट और केवडिया दोनो ही जगह से प्लेन के लिए जल जेटी बन चुकी है। करीबन 48 मीटर लम्बी और 9 मीटर चौड़ी इस जेटी से यात्री से प्लेन में सवार होंगे। एयर वाटर एयरोड्रम या सीप्लेन बेस खुले पानी का एक ऐसा क्षेत्र होता है, जिसका उपयोग सीप्लेन, फ्लोट-प्लेन और एम्फीबियस विमानों द्वारा लैंडिंग और टेक ऑफ के लिये किया जाता है. अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट, नर्मदा जिले के केवडिया में सरदार सरोवर बांध, भावनगर जिले के पालीताना में शतरुंजी बांध और मेहसाणा जिले के धौरी बांध में वाटर एयरोड्रम की योजना बनाई गई है साबरमती और सरदार सरोवर – स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मार्ग देश में पहचाने गए 16 सीप्लेन मार्गों में शामिल हैं. सरकार के अनुसार इस मार्ग के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पूरे हो चुके थे.
अहमदाबाद की साबरमती नदी से केवडिया डेम तक चलने वाले दोनों प्लेन कनाडा से गुजरात आ रहे हैं। स्पाइस जेट द्वारा संचालित होने वाली दो फ्लाइट में दो विदेशी पायलट और दो क्रू-मेंबर रहेंगे। पायलट और क्रू-मेंबर 6 महीनों तक गुजरात में ही रहेंगे और यहां के पायलट को ट्रेनिंग देंगे।