सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात
अयोध्या में बने भव्य राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आज पूरा देश उत्सव मन रहा है और अपने तरीके से योगदान दे रहा है ,ऐसे में गुजरात से भगवान राम के नवनिर्मित मंदिर के लिए अहम योगदान दिया जा रहा है मंदिर की वस्तु कला डिजाइन शिल्पकाम , ध्वज दंड ,स्वर्ण तख़्त , नगाडा , विशाल अगरबत्ती , अजय बाण ,भव्य दीपक सहित कई सामर्ग्रिया अयोध्या पहुंची है।
इसी क्रम में राम मन्दिर में लगने वाले शिलालेख भी वडोदरा से मन्दिर के लिए रवाना कर दिए गए है इन शिलालेखों में मन्दिर का इतिहास और वर्तमान दर्ज किया गया है बड़ोदरा शहर में 12 शिलालेख बनाए गए हैं 5 फीट लंबाई और 3 फुट चौड़ी इन शिलालेखों पर मंदिर निर्माण की पूरी रूपरेखा दर्ज की गई है ,बंशीपुर पहाड़ के पत्थर पर यह शिलालेख बनाए गए हैं इन शिलालेखों में छह पर अंग्रेजी में और 6 पर हिंदी में इतिहास अंकित किया गया है। 96 घंटे लगातार काम करने के बाद यह शिलालेख तैयार किए गए हैं जो अब अयोध्या पहुंच चुके है।
इन शिलालेखों में लेखनी के लिए कंप्यूटर के माध्यम से फोंट तैयार किए गए हैं 0.5 की गहराई में अक्षर अंकित किए गए हैं और 1000 वर्ष तक यह शिलालेख सुरक्षित रहेंगे बड़ोदरा के रहने वाले हिमांशु भलगामिया और धवल भलगामिया ने इन शिलालेखों पर अपनी कला से इतिहास दर्ज किया है।
जल्द ही राम मंदिर का इतिहास बता रहे ये शिलालेख आपको राम मंदिर के हाल की दीवारों पर नज़र आएंगे